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ख़ुदा महफूज़ रखें आपको तीनों बलाओं से, वकीलों से, हक़ीमों से, हसीनों की निगाहों से। -अकबर इलाहाबादी
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बेपर्दा नज़र आईं जो चन्द बीवियाँ ‘अकबर’ ज़मीं में ग़ैरते क़ौमी से गड़ गया पूछा जो उनसे -‘आपका पर्दा कहाँ गया?’ कहने लगीं कि अक़्ल पे मर्दों ...
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तहसीन के लायक तिरा हर शेर है 'अकबर', अहबाब करें बज़्म में अब वाह कहाँ तक । -अकबर इलाहाबादी [(तहसीन = प्रशंसा), (अहबाब = दोस्त, मि...
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ना अमीर हूँ ना गरीब, ना मैं बादशाह ना मैं वजीर हूँ. तेरा इश्क है मेरी सल्तनत मैं उसी सल्तनत का फकीर हूँ
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आप जिनके क़रीब होते हैं आप जिनके क़रीब होते हैं, वो बड़े ख़ुशनसीब होते हैं जब तबीयत किसी पर आती है, मौत के दिन करीब होते हैं मुझसे मिल...
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