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मंगलवार, 25 मार्च 2014

रोने दे आज हमको

रोने दे आज हमको तू आँखें सुजाने दे
बाहों में ले ले और ख़ुद को भीग जाने दे
हैं जो सीने में क़ैद दरिया वो छूट जायेगा
हैं इतना दर्द के तेरा दामन भीग जायेगा