Halaat Kah Rahe Hain Ab Wo Nahi Yaad Karega. .
Ummeed Keh Rahi Hai Zara Intezar Kar.
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ख़ुदा महफूज़ रखें आपको तीनों बलाओं से, वकीलों से, हक़ीमों से, हसीनों की निगाहों से। -अकबर इलाहाबादी
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रोने दे आज हमको तू आँखें सुजाने दे बाहों में ले ले और ख़ुद को भीग जाने दे हैं जो सीने में क़ैद दरिया वो छूट जायेगा हैं इतना दर्द के तेरा द...
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कहते हैं की जब कोई किसी को बहुत याद करता हैं तो तारा टूट कर गिरता हैं एक दिन सारा आसमान ख़ाली हो जायेगा ओंर इल्जाम मुझ पर आएगा। *******...
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जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ाम कर देंगे कमीशन दो तो हिन्दोस्तान को नीलाम कर देंगे ये बन्दे-मातरम का गीत गाते हैं सुबह उठकर मगर बाज...
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किताबो की तरह बहुत से अल्फाज़ है मुझमें, और किताबो की तरह ही खामोश रहता हूँ में।
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