रिश्ते जलते हैं तो भी राख नहीं बनते..
ता-उम्र सुलगते हैं आहिस्ता-आहिस्ता..
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Besabab bat badhane ke zarurat kya hai hum khafa kab the manane ke zarurat kya hai aap ke dam se to duniya ka bharam hai qayam aap jab ha...
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Sad Shayari - दर्द भरी शायरी दिमाग पे जोर डाल कर गिनते हो गलतियाँ मेरी कभी दिल पे हाथ रख के पूछा कसूर किसका था -------------------...
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माँ पर शायरी मोहब्बत की बात भले ही करता हो जमाना मगर प्यार आज भी " माँ " से शुरू होता है ---------------------------...
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जुदा हुए हैं कई लोग.....तो एक तुम भी सही... अब इतनी सी बात पे क्या ज़िन्दगी हराम करें.........
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रोने से अगर सवर जाते हालात किसी के तो मुझसे ज्यादा खुशनसीब कोई और नही होता
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