Click Here!

रविवार, 22 नवंबर 2015

Shayari Collection - शायरी संग्रह 22/11/2015

कहते हैं की जब कोई किसी को बहुत याद करता हैं तो तारा टूट कर
गिरता हैं
एक दिन सारा आसमान ख़ाली हो जायेगा ओंर इल्जाम मुझ पर आएगा।
**************************
 खामोश हूँ मै इतना इसलिये...
क्योकि उन्होंने कहा हैं कि मेरे लिखने से उनकी बदनामी होती है 
************************** 
 उन आँखों में भी नमी सी रहेती हैं,
बात करते हैं जो दुसरो को हँसाने के लिए !
 **************************
 हम अपनी रूह  तेरे जिस्म में छोङ आये....
गले मिलना तो एक बहाना था....
************************** 
 तेरी खूबसूरती तेरे चेहरे से नहीं
मेरे तारीफ करने के अंदाज़ से है
************************** 
 बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे
अब जीना है सिर्फ उनके लिये जीन के लिये में सब कुछ हूँ
************************** 
 यूँ तो सदमो में भी हंस लेते थे हम,
आज क्यों बेवजह ग़मगीन होने लगे हे हम,
बरसों से हथेलियाँ खाली ही रही हे हमारी,
फिर आज क्यों लगा सब खोने लगे हे हम…!
************************** 
 मुझे कहाँ से आएगा
लोगो का "दिल" जीतना...
मै तो अपना भी "हार" बैठा हूँ.....
************************** 
 माला की तारीफ़ तो करते हैं सब, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं
काबिले तारीफ़ धागा है जनाब जिसने सब को जोड़ रखा है
************************** 
 गरीब की झोली मे जब एक रुपया डाला तब मेहसुस हुआ,
महगांई के इस दौर मे, दुऑए आज भी कितनी सस्ती है ।
************************** 
 लोग कहते है जिसे हद से ज्यादा प्यार करो वो प्यार की कदर नही करता
पर  सच तो ये है की
प्यार की कदर जो भी करता है उसे कोई प्यार ही नही करता
************************** 
 हजारों हैं मेरे अल्फाज के दिवाने,
मेरी खामोशी सुनने वाला कोई होता तो क्या बात थी..
************************** 
 सारा दिन लग जाता हैं खुद को समेटने में,
फिर रात को उनकी यादों की हवा चलती हैं और हम फिर बिखर जाते हैं!
************************** 
मैं। फनाह हो गया अफ़सोस वो बदली भी नहीं
मेरी चाहतो से भी सच्ची उसकी नफरत निकली
 **************************
 हो सके तो दूर रहो मुझ से
टूटा हुआ हूँ…चुभ जाऊँगा

 **************************
 मुलाकातें तो आज भी हो जाती हैं तुम से
मेरे ख्वाब किसी मजबूरी के मोहताज नहीं है

************************** 
 अगर तुम्हें यकीं नहीं, तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास,
अगर तुम्हें यकीं है, तो मुझे कुछ कहने की जरूरत नही


 **************************

रविवार, 8 नवंबर 2015

दीपावली शायरी दीवाली शायरी


 शुभ दीपावली शायरी - शुभ दीवाली शायरी


 दिवाली के उपलक्ष्य में कुछ चलती फिरती शायरियां पोस्ट कर रहा हूँ. किसी को शुभकामनाएं देने में बहुत काम आएँगी आपके.  
आपको सपरिवार शुभकामनाओं सहित


******शुभ दीपावली - Happpy Diwali******

रोशन हो दीपक ओर सारा जग जगमगाए
लिए साथ सीता मैय्या को राम जी हैं आए
 

******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******


हर शहर यू लगे मानो अयोध्या हो
आओ हर द्वार हर गली हर मोड़ पे हम  दीप जलाए


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******


दियों की रोशनी से झिलमिलता आँगन हो,
पटाखों की गूंजो से आसमान रोशन हो,
ऐसी आए झूम के यह दीवाली,
हर तरफ खुशियों का मौसम हो


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******


दीवाली के दीपक जगमगायें आपके आँगन मे,
सात रंग सजें इस  साल आप के आँगन में..

आया है यह त्यौहार खुशियाँ लेके
हर ख़ुशी सजे इस  साल आपके आँगन में.

रोशनी से हो रोशन हो हर लम्हा आप का,
हर रोशनी सजे इस साल आपके आँगन में.

दुआ हम करते हैं आप सलामत रहे,
हर दुआ सजे इस साल आप के आँगन में


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



साल भर पड़ोसियो को भले ही मुंह  ना दिखाए
पर दीवाली के दिन मिठाइयां खाने ज़रूर जाएं


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



इस दीवाली पे हमारी  दुआ है की आपका हर सपना पूरा हो,
दुनिया के ऊँचे  मुकाम आपके हों,
शोहरत की बुलंदियों पर नाम आपका हो!
दिवाली की शुभकामनाएं



******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



खुशियाँ हो ओवरफ्लो,
मस्ती कभी ना हो लो,
दोस्ती का सुरूर छाया रहे,
धन और शोहरत  की हो बौछार,
ऐसा आए आपके लिए दीवाली का त्योहार


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



श्री राम जी आपके घर सुख की बरसात करें,
दुखों का नाश करें.
प्रेम की फुलझड़ी  व अनार आपके घर को रोशन करे.
रोशनी के दिए आपकी ज़िंदगी मे खुशियाँ  लाएँ.


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



आज से आप के यहा धन की बरसात हो,
माँ लक्ष्मी का वास हो, संकटों  का नाश हो
हर दिल पर आपका राज हो, उन्नति का सर पर ताज हो
घर मे शांति का वास हो



******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



हर पल सुनहरे फूल खिलते रहे,
कभी ना हो काँटों  का सामना,
ज़िंदगी आपकी खुशियो से भरी रहे,
दीपावली पर हमारी यही शुभकामना


******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******



दियों की रोशनी से झिलमिलाता आँगन हो,
पटाखों की गूंजो से आसमान रोशन हो,
ऐसी आए झूम के यह दीवाली,
हर तरफ खुशियों का मौसम हो

******
शुभ दीपावली - Happpy Diwali******

सोमवार, 2 नवंबर 2015

शायरी

ना अमीर हूँ ना गरीब, ना मैं  बादशाह ना मैं वजीर हूँ.
तेरा इश्क है मेरी सल्तनत मैं उसी सल्तनत का फकीर हूँ

सोमवार, 19 अक्तूबर 2015

माँ पर शायरी

माँ पर शायरी

मोहब्बत की बात भले ही करता हो जमाना 
मगर प्यार आज भी "माँ "से शुरू होता है 

--------------------------------------------

ऐ मेरे मालिक
तूने गुल को गुलशन में जगह दी,
पानी को दरिया में जगह दी,
पंछियो को आसमान मे जगह दी,
तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना,
जिसने मुझे "..नौ.." महीने पेट में जगह दी....!!
!!!माँ !!!

--------------------------------------------

 देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में,

ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते!

--------------------------------------------
 कुछ इसलिये भी रख लिये..
एक बेबस माँ ने नवरात्रों के उपवास..!
ताकि नौ दिन तक तो उसके बच्चे भरपेट खा सकें...!!

 --------------------------------------------

 ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने....
तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल...
मगर मैने
ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल.... 

--------------------------------------------

कितना भी लिखो इसके लिये कम है।

सच है ये कि " माँ " तू है, तो हम है ।।

--------------------------------------------
 हर रिश्ते में मिलावट देखी
लेकिन सालो साल देखा है ,माँ को
.
उसके चेहरे पे न थकावट देखी
न ममता में कोई मिलावट देखी..!!!

 --------------------------------------------
 वो तो बस दुनिया के "रिवाज़ो" कि बात है
वर्ना
संसार मे "माँ" के अलावा
सच्चा प्यार कोई नही देता .

-------------------------------------------- 
 उन बूढ़ी बुजुर्ग उँगलियों मेंकोई ताकत तो ना थी...
मगर मेरा सिर झुका तो
काँपते हाथों ने जमाने भर की दौलत दे दी .

--------------------------------------------
 सुला दिया माँ ने ये कहकर,

परियां आएंगी सपनों‬ में ‪‎रोटियां‬ लेकर...!!

--------------------------------------------
 " जो मांगू वो दे दिया कर......
ऐ ज़िन्दगी
तू बस......मेरी माँ की तरह बन जा " !!

--------------------------------------------

ज़रा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए
दीए से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है।


--------------------------------------------
 
हवा दुखों की जब आई कभी ख़िज़ाँ की तरह
मुझे छुपा लिया मिट्टी ने मेरी माँ की तरह


 --------------------------------------------

मुझे बस इस लिए अच्छी बहार लगती है
कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है


 --------------------------------------------

ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया


 --------------------------------------------

रौशनी देती हुई सब लालटेनें बुझ गईं
ख़त नहीं आया जो बेटों का तो माएँ बुझ गईं


--------------------------------------------

  ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे 


--------------------------------------------

 मुनव्वर राणा की माँ पर शायरी 


 सिसकियाँ उसकी न देखी गईं मुझसे ‘राना’
रो पड़ा मैं भी उसे पहली कमाई देते


 --------------------------------------------

ऐसे तो उससे मोहब्बत में कमी होती है,
माँ का एक दिन नहीं होता है, सदी होती है। 


--------------------------------------------

आँखों से माँगने लगे पानी वज़ू का हम 
काग़ज़ पे जब भी देख लिया माँ लिखा हुआ
--------------------------------------------
ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है
--------------------------------------------
चलती फिरती आँखों से अज़ान देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखि है

--------------------------------------------

मामूली एक कलम से कहां तक घसीट लाए
 हम इस ग़ज़ल को कोठे से माँ तक घसीट लाए

--------------------------------------------


मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
--------------------------------------------
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
--------------------------------------------
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है
--------------------------------------------


मुसीबत के दिनों में माँ हमेशा साथ रहती है
पयम्बर क्या परेशानी में उम्मत छोड़ सकता है

--------------------------------------------

जब तक रहा हूँ धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी माँ का आखिरी ज़ेवर बना रहा
--------------------------------------------

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
--------------------------------------------

ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
--------------------------------------------
 
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
--------------------------------------------
 
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
--------------------------------------------
 
हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए
माँ ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे
--------------------------------------------
ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
 
--------------------------------------------
यहीं रहूँगा कहीं उम्र भर न जाउँगा
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा
--------------------------------------------
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
--------------------------------------------
कुछ नहीं होगा तो आँचल में छुपा लेगी मुझे
माँ कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी
--------------------------------------------
दिन भर की मशक़्क़त से बदन चूर है लेकिन
माँ ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है
--------------------------------------------
दुआएँ माँ की पहुँचाने को मीलों मील जाती हैं
कि जब परदेस जाने के लिए बेटा निकलता है
--------------------------------------------
दिया है माँ ने मुझे दूध भी वज़ू करके
महाज़े-जंग से मैं लौट कर न जाऊँगा
--------------------------------------------
बहन का प्यार माँ की ममता दो चीखती आँखें
यही तोहफ़े थे वो जिनको मैं अक्सर याद करता था
--------------------------------------------
बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर
माँ सबसे कह रही है कि बेटा मज़े में है
--------------------------------------------
खाने की चीज़ें माँ ने जो भेजी हैं गाँव से
बासी भी हो गई हैं तो लज़्ज़त वही रही
--------------------------------------------
मुक़द्दस मुस्कुराहट माँ के होंठों पर लरज़ती है
किसी बच्चे का जब पहला सिपारा ख़त्म होता है
--------------------------------------------
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दीं
सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़ ए माँ रहने दिया
--------------------------------------------
माँ के आगे यूँ कभी खुल कर नहीं रोना
जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती
-------------------------------------------- 

बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता
कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता
-------------------------------------------- 
मुझे कढ़े हुए तकिये की क्या ज़रूरत है
किसी का हाथ अभी मेरे सर के नीचे है
--------------------------------------------
अब भी रौशन हैं तेरी याद से घर के कमरे
रौशनी देता है अब तक तेरा साया मुझको
--------------------------------------------
मेरे चेहरे पे ममता की फ़रावानी चमकती है
मैं बूढ़ा हो रहा हूँ फिर भी पेशानी चमकती है
--------------------------------------------
जब भी देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई
--------------------------------------------
 मेरी ममता को बुढ़ापे का सहारा चाहिए,
मुझको बेटा चाहिए और वो भी ज़िंदा चाहिए


--------------------------------------------

ख़ुदा ने ये सिफ़त दुनिया की हर औरत को बख्शी है,
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते हैं।


--------------------------------------------

तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फ़लक,
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।


--------------------------------------------

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है।

 

--------------------------------------------

कल अपनेआप को देखा था माँ की आँखों में,
ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है।

 
--------------------------------------------

क़ुबूलियत की घड़ी है अगर मेरे मौला,
तो माँ के चेहरे से ये सारी झुर्रियां उड़ जाए। 
 


--------------------------------------------

निदा  फाजली

बेसन की सोंधी रोटी पर, खट्टी चटनी जैसी माँ
याद आती है चौका, बासन, चिमटा, फूंकनी जैसी माँ
बांस की खुर्री खाट के ऊपर, हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी, थकी दोपहरी जैसी माँ चिड़ियों के चहकार में गूंजे, राधा - मोहन  अली- अली 
मुर्गी की आवाज़ से खुलती, घर की कुण्डी जैसी माँ
बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन, थोड़ी थोड़ी सब में
दिन भर इक रस्सी के ऊपर, चलती नटनी जैसी माँ
बाँट के अपना चेहरा, माथा, आँखें, जाने कहाँ गयी
फटे पुराने इक एलबम, में चंचल लड़की जैसी माँ...

--------------------------------------------

मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार
दुःख ने दुःख से बात कि, बिन चीठी बिन तार

--------------------------------------------

रविवार, 11 अक्तूबर 2015

Sad Shayari - दर्द भरी शायरी

Sad Shayari - दर्द भरी शायरी 

दिमाग पे जोर डाल कर गिनते हो गलतियाँ मेरी
कभी दिल पे हाथ रख के पूछा कसूर किसका था

-------------------------------------------------

ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने
क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल
नहीं पाता

------------------------------------------------- 

तमाम उम्र उसी के ख़याल में गुजारी,
मेरा ख़याल जिसे उम्र भर  नहीं आया  

------------------------------------------------- 

मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू
अनकहा अलफ़ाज़ मेरा…
मैं एक उलझा लम्हा,
 तू रूठा हुआ हालात मेरा

------------------------------------------------- 
 
तेरी यादों के सितम सहते हैं हम;
आज भी पल-पल तेरी यादों में मरते हैं हम;
तुम तो चले गए बहुत दूर, हमको इस दुनियां में तन्हा छोड़कर;
पर तुम क्या जानो, बैठकर तन्हाई में किस कदर रोते हैं हम।
 
------------------------------------------------- 

हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान ना लो;
करके बेरुखी मेरी तुम जान ना लो;
एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे;
हमारी मौत का खुद पर इल्ज़ाम ना लो।
  
------------------------------------------------- 
 
वादा करते तो कोई बात होती;
मुझे ठुकराते तो कोई बात होती;
यूँ ही क्यों छोड़ दिया दामन;
कसूर बतलाते तो कोई बात होती।
 
------------------------------------------------- 

वादा हमने किया था निभाने के लिए
एक दिल दिया था एक दिल पाने के लिए
उसने हमें मोहब्बत सिखा दी और कहा
हमने तुमसे मोहब्बत की थी  किसी और को जलाने के लिए 
  
------------------------------------------------- 

दिल से रोये मगर होंठों से मुस्कुरा बैठे
यूँही हम तुमसे दिल लगा बैठे
वो हमें एक लम्हा ना दे पाए
जिनके लिए हम अपना सारा सुकून गवां बैठे 
 
------------------------------------------------- 

ना मिलेगा जब उसे कोई हमारी तरह चाहने वाला
बहुत रोयेगा वो शख्स उस दिन हमें पाने के लिए  
 
------------------------------------------------- 

किसी की बेबसी का तमाशा ना बनाओ 
हर मजबूर शख्स बेवफा नहीं होता 
 
------------------------------------------------- 

खुदा जाने मोहब्बत में क्या दस्तूर है 
हमने जिसको चाहा वो हमसे दूर है 
हुस्न वालों में मोहब्बत की कमी होती है
या फिर चाहने वालों की तकदीर बुरी होती है 
 
------------------------------------------------- 

वो मेरा आखिरी जजीरा था 
रात जो आंसुओं में डूब गया 
 
------------------------------------------------- 

वफ़ा की जंग मत लड़ना बेकार जाती है 
ज़माना जीत जाता है मोहब्बत हार जाती है 
हमारा जिक्र छोड़ो  हम ऐसे लोग हैं जिनको 
ज़माना कुछ नहीं कहता जुदाई मार जाती है 

 
------------------------------------------------- 

उसके लिए सारी दुनिया से बगावत की थी 
याद आता है मैंने भी मोहब्बत की थी 
उसको छोड़ कर हँसते हुए घर आकर
इतना रोये थे की आंसुओं ने भी शिकायात की थी 
 
------------------------------------------------- 

हर एक  चेहरे पे गुमान उसका था
बसा ना कोई खाली दिल में ये मकान उसका था
तमाम दुःख मिट गए दिल से मेरे
जो ना मिट सका वो नाम उसका था

-------------------------------------------------

कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में;
वैसे संभालना हम भी जानते थे;
ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से;
जिसे हम अपना मानते थे।

-------------------------------------------------

 सब हसीं चेहरे धोखेबाज़ होते हैं;
इस बात का हमें पहले इल्म ना था;
अब हुआ इल्म तो रो-रो दिल कहे;
किया पहले किसी ने ऐसा जुल्म ना था।

-------------------------------------------------

 रोने दे आज हमको तू आँखें सुजाने दे
बाहों में ले ले और ख़ुद को भीग जाने दे
हैं जो सीने में क़ैद दरिया वो छूट जायेगा
हैं इतना दर्द के तेरा दामन भीग जायेगा


------------------------------------------------- 

 सच कहा था किसी ने तनहा रहना सीख लो
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो रहना तनहा ही पड़ता है 


------------------------------------------------- 

काश कोई रास्ता मिल जाए तुझ तक पहुचने का 
कहर बन के बरस रही हैं मुझ पे यादें तेरी  

------------------------------------------------- 

जब याद तेरी आती है तो मुस्कुरा लेता हूँ
कुछ पलों के  लिए हर गम भुला देता हूँ
कैसे भीग सकती है आपकी पलकें
आपके हिस्से के आंसू तो में  बहा लेता हूँ


-------------------------------------------------

वो करते हैं बात मोहब्बत की 
पर मोहब्बत के दर्द का उन्हें एहसास नहीं
मोहब्बत वो चाँद है जो दिखता है सबको 
पर उसे पाना सब के बस की बात नहीं

-------------------------------------------------

वो करते हैं बात मोहब्बत की 
पर मोहब्बत के दर्द का उन्हें एहसास नहीं
मोहब्बत वो चाँद है जो दिखता है सबको 
पर उसे पाना सब के बस की बात नहीं

-------------------------------------------------

आप काँटों से बच कर चलती हैं
मैंने फूलों से जख्म खाये हैं

-------------------------------------------------


वो कितना मेहरबान था कि हजारों ग़म दे गया
हम कितने खुदगर्ज़ निकले कुछ ना दे सके मोहब्बत के सिवा

-------------------------------------------------

तुम भी हो बीते हुए वक़्त की मानिंद, हुबहू
तुमने भी बस याद आना है, आना तो नहीं है

-------------------------------------------------


वाह रे इश्क ! तेरा क्या कहना
जो  तुझको जान ले, तू उसी की जान ले 


-------------------------------------------------

रोने की सजा ना रुलाने की सजा है
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है
हँसते है तो आँखों से निकल आते हैं आंसू
ये उस शख्स से दिल लगाने की सजा है

-------------------------------------------------


लोग पूछते हैं कौन है वो जो तेरी ये हालत कर गया
मैं मुस्कुरा कर कहता हूँ
उस का नाम हर किसी के लब पर अच्छा नहीं लगता
-------------------------------------------------

दिल बेजुबान है तो क्या ....
तुम यूँ ही तोड़ते रहोगे ......


-------------------------------------------------

Sharaab Shayari - शराब शायरी

Sharaab Shayari -  शराब शायरी

ग़म इस कदर बढे कि घबरा कर पी गया;
इस दिल की बेबसी पर तरस खा कर पी गया;
ठुकरा रहा था मुझे बड़ी देर से ज़माना;
मैं आज सब जहां को ठुकरा कर पी गया!

----------------------------------------------


यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं ​है ​मेरा​;​
​​शराब से...​
इश्क की राहों में तन्हा मिली ​ तो;​​​
हमसफ़र बन गई.......​

----------------------------------------------

कुछ तो शराफ़त सीख ले, ऐ इश्क!, शराब से..
बोतल पे लिखा तो है, मै जानलेवा हूँ...

---------------------------------------------- 

 पर्दा तो होश वालों से किया जाता है ,
बेनकाब चले आओ हम तो नशे में है..!


---------------------------------------------- 
 

शनिवार, 3 अक्तूबर 2015

नूह नारवी

आप जिनके क़रीब होते हैं

आप जिनके क़रीब होते हैं,
वो बड़े ख़ुशनसीब होते हैं
जब तबीयत किसी पर आती है,
मौत के दिन करीब होते हैं
मुझसे मिलना फिर आप का मिलना,
आप किस को नसीब होते हैं
जुल्म सह कर जो उफ्फ नहीं करते,
उनके दिल भी अजीब होते हैं
इश्क़ में और कुछ नहीं मिलता,
सैकड़ों ग़म नसीब होते हैं
'नूह' की क़द्र कोई क्या जाने,
कहीं ऐसे अदीब होते हैं।


शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

मखदूम मुहीउद्दीन

 आप की याद आती रही रात भर

आप की याद आती रही रात भर
चस्मे-नम मुस्कुराती रही रात भर
रात भर दर्द की शमा जलती रही
गम की लौ थरथराती रही रात भर
बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रात भर
याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी जगमगाती रही रात भर
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज आती रही रात भर

रविवार, 27 सितंबर 2015

अमीरुल्लाह तस्लीम

गर यही है आदत-ए-तकरार हँसते बोलते
मुँह की एक दिन खाएँगे अग्यार हँसते बोलते
थी तमन्ना बाग-ए-आलम में गुल-ओ-बुलबुल की तरह
दिल-लगी में हसरत-ए-दिल कुछ निकल जाती तो है
मेरी किस्मत से जबान-ए-तीर भी गोया नहीं
आप को देखा सर-ए-बाजार हँसते बोलते
वर्ना क्या क्या जखम-ए-दामनदार हँसते बोलते
बैठ कर हम तुम कहीं ए यार हँसते बोलते
आज उज्र-ए-इत्तिका तस्लीम कल तक यार से
बोसे ले लेते हैं हम दो-चार हँसते बोलते

शनिवार, 26 सितंबर 2015

समझो गजल हुई

मिली जो किसी से नज़र तो समझो गजल हुई
रहे न अपनी ही खबर तो समझो  गजल  हुइ
मिला के नजरों को वाले हना हया से पी
झुका ले कोइ नजर  तो समजो गजल  हुइ
इधर मचल-कर उन्हें जो पुकारे जूनून  मेरा
  धड़क उठे उधर दिल तो 
उदास बिस्तर की सिलवटेँ जब तुमको  चुभें
न सो सको रात भर तो समझो गजल हुइ
वह बदगुमान हो तो शेर सूझे न शायरी,
वह मेहरबान हो जफ़र तो समझो गजल हुइ