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रविवार, 23 फ़रवरी 2014

तेरे बिना

तेरे बिना हर एक रात हम पे भारी है,
करवटें बदल बदल के हमने रात गुजारी है।
खवाबो ने तो रुखसती ले ही ली थी,
अब नींद तुम्हारी बारी है।
एक तुम्हारे इंतजार में पलकों पे सितम जारी है,
आज तो कट गयी अब कल की तैयारी है।