Click Here!

शुक्रवार, 2 मई 2014

समझता हूँ मैं सब कुछ

समझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता,
तड़पता हूँ मगर औरों को तड़पाना नहीं आता ।