भरी है अंजुमन लेकिन किसी से दिल नहीं मिलता,
हमीं में आ गया कुछ नुक्स, या कामिल नहीं मिलता।
हमीं में आ गया कुछ नुक्स, या कामिल नहीं मिलता।
पुरानी रोशनी में और नई में फ़र्क़ इतना है,
उसे किश्ती नहीं मिलती इसे साहिल नहीं मिलता।
[(अंजुमन = महफ़िल) (कामिल = पूर्ण योग्य) (साहिल = किनारा)]
-अकबर इलाहाबादी